मृत्यु हमेशा साथ चलती है, आज़ाद
सहैव मृत्युर्व्रजति
सह मृत्युर्निषीदति।
गत्वा सुदीर्घमध्वानं
सहमृत्युर्निवर्तते।।
अर्थात- मृत्यु सदा साथ ही चलती है, साथ ही बैठती है और सुदूरवर्ती पथ पर भी साथ-साथ जाकर साथ ही लौट आती है अर्थात हम सदा ही उसके वश में रहते हैं।