top of page
  • FACEBOOK
  • YOUTUBE
  • TWITTER
  • INSTAGRAM

तमिल सिनेमा के महानायकन (மகா நாயகன்) मेगास्टार आज़ाद


ree

मेगास्टार आज़ाद ने चेन्नई की धरती पर क़दम रखते ही तमिल सिनेमा प्रेमियों के दिल जीत लिए। ३० नवम्बर २०१९ को तमिल सिनेमा के इतिहास में स्वर्णिम दिन के रूप में याद किया जाएगा जब मेगास्टार आज़ाद अपनी टीम के साथ अपनी महत्वाकांक्षी भव्य तमिल फ़िल्म महानायक(மகா நாயகன்) के पोस्टर लॉंच कार्यक्रम में उपस्थित हुए।

ree

अपनी मूल प्रकृति से प्रखर राष्ट्रवादी,सैन्य विद्यालय के छात्र फ़िल्मकार मेगास्टार आज़ाद ने हिंदी में अपनी पहली सिनेमाई सृजन राष्ट्रपुत्र के साथ ही राष्ट्रवाद का जन आंदोलन खड़ा किया था। २१ मई,२०१९ को राष्ट्रपुत्र फ़्रान्स में आयोजित ७२वें विश्व विख्यात कान फ़िल्म फ़ेस्टिवल में दर्शकों एवं आलोचकों के द्वारा देखी और सराही गई। विश्व ने मेगास्टार आज़ाद की कृति राष्ट्रपुत्र के ज़रिए भारत की सनातन संस्कृति एवं राष्ट्रपुत्र का पुरुषार्थ जाना। अपनी दूसरी फ़िल्म अहम ब्रह्मास्मि जो कि मुख्यधारा की पहली संस्कृत फ़िल्म है, के ज़रिए मेगास्टार आज़ाद ने विस्मृत देवभाषा संस्कृत को विश्व पटल पर जनभाषा बनाने का ऐतिहासिक कलात्मक एवं रचनात्मक आंदोलन का नेतृत्व किया। अहम ब्रह्मास्मि भारत की सांस्कृतिक मुखपत्र के रूप में चिन्हित हुआ। अहम ब्रह्मास्मि ने मेगास्टार आज़ाद को भारत की सनातनता एवं सांस्कृतिक पुनरुत्थान के महानायक के रूप में स्थापित कर दिया। भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी काशी के साथ ही भारत की राजधानी दिल्ली में संस्कृत फ़िल्म अहम ब्रह्मास्मि की अपार सफलता के साथ ही संस्कृतप्रेमी दर्शकों ने मेगास्टार आज़ाद को कला-योद्धा घोषित कर दिया।


ree
ree

अपनी कलात्मक यात्रा को विस्तार देते हुए मेगास्टार आज़ाद ने भारत की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक तमिल में अपनी फ़िल्म महानायकन (மகா நாயகன்) का भव्य सृजन किया। महनायकन केवल एक फ़िल्म मात्र नहीं है, बल्कि तमिल में लिखा हुआ अखंड भारत का कालजयी शिलालेख है। महानायकन के पोस्टर विमोचन के अवसर पर आज़ाद ने अपने गुरु गम्भीर स्वर में कहा कि उनका कला-कर्म उत्तर और दक्षिण भारत की भाषाई,सांस्कृतिक और प्रादेशिक भिन्नताओं को समाप्त कर एक भारत -श्रेष्ठ भारत का निर्माण करेगा। अपार जनसमर्थन के बीच आज़ाद ने घोषणा की कि वो केवल एक व्यक्ति या कलाकार -फ़िल्मकार नहीं है बल्कि एक संस्कृति-दूत हैं जो एक साथ विश्व की दो महान भाषाओं को और अधिक समृद्ध करने के अभियान में निकले हैं। अपनी रचनात्मक सिनेमाई कला के माध्यम से उत्तर-दक्षिण की हर खाई को पाटना ही उनका ध्येय है।


ree

सभा में उपस्थित दर्शकों ने भी मेगास्टार आज़ाद का शॉल,श्रीफल और ज़ोरदार तालियों से भव्य स्वागत किया। तमिल सिनेप्रेमी दर्शकों ने कहा कि मेगास्टार आज़ाद का दक्षिण भारत आना परशुराम और आद्य शंकराचार्य का उत्तर भारत में जाने जैसा है। मेगास्टार आज़ाद ने अपनी कृतियों के माध्यम से भारत को अपनी जड़ों से जोड़ने का सांस्कृतिक महायज्ञ किया है। तमिल प्रेमी जनता की आँखों में मेगा स्टार के सपने और आशा की चमक दिख रही थी। आज़ाद ने भी अपनी अद्भुत वक्तृत्व कला से दर्शकों के दिलो-दिमाग़ जीत लिए।

ree

मेगास्टार आज़ाद की अनमोल कृति महानायकन (மகா நாயகன்) के साथ ही तमिल सिनेमा के महायुग की शुरुआत हो चुकी है। अब पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण का भेद मिटेगा। उत्तर को सुब्रमनियम भारती और तिरुवल्लुवर मिलेंगे तो दक्षिण को आज़ाद के रूप में कालिदास और भवभूति के साक्षात्कार होंगे।


ree


 
 
 

Comments


bottom of page